जब खोटा सिक्का चला और करोड़ों की कीमत तक पहुंचा और लोगो को बनाया करोड़पति। जरूर पढ़े!

क्या है बिटकॉइन ? 

बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है मतलब की अन्य मुद्राओं की मुद्राओं की तरह ना तो इसे देखा जा सकता है ना छुआ जा सकता है | इसे वर्ष 2008 में अज्ञात व्यक्तियों के सतोषी नाकामोटो नामक समूह द्वारा बनाया गया था | शुरुआत में इसे ओपन सोर्स के रूप में जारी किया गया था | इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है | जापान में इसे 'वैध' दर्जा दिया गया है, जबकि चीन में इस पर रोक लगाई गई है | भारत में आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था की केंद्रीय बैंक इस तरह की गैर व्यवस्थित क्रिप्टोकरेंसी कारोबार मैं सहज नहीं है |

एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है | क्रिप्टोग्राफी का अर्थ - कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है | किसका आविष्कार सतोशी नाकामोतो ने किया था |

बिटकॉइन कैसे काम करता है

बिटकॉइन के लेनदेन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट कुंजी से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिए सत्यापित किया जाता है इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में सक्षम है |
कैसे बढ़ रही है बिटकॉइन की कीमत और कैसे बन रहे हैं इससे लोग करोड़पति ? 

बिटकॉइन की कीमत शुरुआती दिनों में ₹0 थी इसे ऑनलाइन लेनदेन के साथ मुफ्त में बांटा जाता था | समय के साथ इसका इस्तेमाल बढ़ता गया और बिटकॉइन की मांग भी बढ़ती गई वर्ष 2015 में एक बिटकॉइन की कीमत लगभग ₹100000 थी वहीं अप्रैल 2021 में क्वीन लगभग 4800000 रुपए की कीमत को छू चुका था वर्तमान में एक बिटकॉइन की कीमत लगभग ₹3300000 है | फिएट करेंसी यानी ट्रेडिशनल करेंसी जो होती है उसका नियमन होता है और उसे एक बड़ी मात्रा में छापा जाता है क्रिप्टोकरंसी एक सीमित संख्या में जनरेट होती है तथा मांग बढ़ने के साथ-साथ इसकी कीमत भी बढ़ती है अधिकतम 21 मिलियन बिटकॉइन जनरेट किए जा सकते हैं इससे ज्यादा नहीं |